अनुच्छेद : अगर मैं चिड़िया होता
अनुच्छेद : अगर मैं चिड़िया होता
अगर मैं चिड़िया होता तो बड़े मजे आते। मैं पेड़ पर अपना घोंसला बनाता और उसमें ही रहता। जब हवा चलती तो मैं पतली टहनियों में बैठ कर झूला झूलता। मैं बहुत ऊंची टहनियों से फल खा पाता। मुझे आकाश में उड़ने में बहुत मजा आता। मैं कहीं से भी कहीं जा सकता। एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए मुझे किसी भी वाहन की आवश्यकता नहीं रहती मुझे कहीं जाने के लिए टिकट भी नहीं खरीदना पड़ता । मैं मुफ्त में सब जगह जा पाता। मैं अपने दोस्तों के साथ दिन भर यहां से वहां उड़ता रहता । लेकिन जब बारिश होती और बिजली कड़कती तो मुझे बहुत डर लगता। फिर भी मैं सोचता हूं कि अगर मैं चिड़िया होता तो कितना अच्छा होता!
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