Hindi Unseen Passage Grade 4 अपठित गद्‍यांश कक्षा 4

 Hindi Unseen Passage Grade 4अपठित गद्‍यांश कक्षा 4

यहाँ पर कक्षा 4 के छात्रों  के अभ्यास के लिए अपठित गद्यांश दिए हैं । इस से विद्यार्थियों को तो मदद मिलेगी ही, साथ  ही शिक्षकों को भी अपठित गद्यांश से संबंधित प्रश्न-पत्र बनाने में सहायता मिलेगी।  अगर आपको यह सामग्री पसंद आती है तो कृपया इस ब्लॉग को सबस्क्राइब करें और अपने साथियों को भी इसके बारे में  जानकारी दें ।  

1.नीचे लिखे पठित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।                                        

कुछ वर्ष बीत गए। कल्लू बड़ा हो गया। उधर हशमत के भी बच्चे हो गए। वह इधर-उधर कुछ काम करके सबका पेट भरता। गाँव के बच्चे कल्लू के साथ खेलते। उसके लिए गुड़, चावल, केले आदि ले आते। एक बार हशमत बीमार पड़ गया । कई दिनों तक बुखार न उतरा। घर में खाने की कमी होने लगी। अब गाँव के बच्चे जो कुछ भी कल्लू के लिए लाते, सलीमा वे सब अपने बच्चों के लिए रख लेती और कल्लू के आगे रूखा -सूखा कुछ डाल देती। कल्लू हशमत से बहुत प्यार करता था। वह भूखा रहने पर भी हशमत का साथ नहीं छोड़ना नहीं चाहता था। लेकिन जब सलीमा अपने बच्चों को खाना देती तो वह उदास आँखों से देखता और ज़ोर-ज़ोर से चिंघाडता। एक दिन सलीमा कल्लू से बोली ,”भाग यहाँ से! अपने खाने को तो है नहीं, तुझे कहाँ से खिलाऊँ? 

प्रश्न:

(i)गाँव के बच्चे किसके साथ खेलते थे?

(a)हशमत के                        (b) कल्लू के              

(c)  सलीमा के                       (d)किसी के साथ नहीं

(ii)लोग कल्लू के लिए क्या -क्या लाते थे? 

           (a)गुड                                            (b)केले  

(c) चावल                                       (d) सभी

(iii) घर में खाने की कमी क्यों होने लगी ? 

           (a)हशमत बीमार हो गया था।                        (b) हशमत के बच्चों के कारण 

(c) कल्लू के ज्यादा खाने से                           (d)गाँव के लोगों के कारण  

(iv)कल्लू हशमत का साथ नहीं छोड़ना चाहता था क्योंकि?

(a)वह हशमत से प्यार करता था।

(b) उसे हशमत के घर खूब खाने को मिलता था।

(c)  सलीमा उसे प्यार करती थी ।

(d)उसे हशमत के बच्चों से खेलना पसंद था। 

(v)जब सलीमा अपने बच्चों को खाना देती तो वह उदास आँखों से देखता और ज़ोर-ज़ोर से चिंघाडता, क्योंकि -

(a)वह नहीं चाहता था कि बच्चों को खाना मिले।

(b) उसे बहुत भूख लगी होती थी ।

(c)  वह सलीमा से  नाराज था ।

(d) इनमें से कोई नहीं । 

2. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक  पढ़कर नीचे दिए प्रश्नों  के उचित  उत्तर लिखिए  

एक दिन तेनालीराम ने देखा कि उसके घर के आस-पास कुछ चोर घूम रहे हैं। वह उनका इरादा समझ गया। उसने चारों को सुनाते हुए अपनी पत्नी से कहा, “देखो, आजकल चोरों का बड़ा ज़ोर है। अपने पास रुपया-पैसा और जो कीमती सामान है उसे एक बड़े संदूक में भर दो। मैं उसे बाग के कुएँ में छिपा दूँगा।” चोरों ने यह सुना तो बड़े प्रसन्न हुए। तेनालीराम ने एक संदूक लेकर उसमें ईंट-पत्थर भरे और उसने घर से लगे बगीचे में बने कुएँ में वह संदूक डाल दिया। रात होने पर चोर कुएँ पर आए, लेकिन किसी की भी कुएँ में घुसने की हिम्मत नहीं हुई। उन्होंने एक उपाय सोचा। वे तीन बाल्टियाँ ले आए और कुएँ से पानी निकालने लगे। रात-भर वे पानी निकालते रहे। सवेरा होने पर पकड़े जाने के डर से चोर वहाँ से भागने लगे। तभी तेनालीराम वहाँ आ पहुँचा और चोरों से बोला, “भैया, मेरा धन्यवाद तो लेते जाओ, तुम लोगों ने रात-भर मेरे बगीचे में पानी दिया है।

(1)तेनालीराम के घर के आस-पास कौन घूम रहे थे?

(क) चोर                              (ख) पत्नी

(ग) माली                               (घ) चौकीदार

(2) तेनाली राम ने संदूक में क्या भरा?

(क) रुपए-पैसे और कीमती- सामान                (ख) ईंट-पत्थर

(ग) बच्चों के कपड़े                                      (घ) खाने-पीने का सामान

3. तेनालीराम ने  संदूक कहाँ रखा?

(क)घर में                                                  (ख) कूएँ में

(ग) नदी में                                              (घ) बगीचे में

4. संदूक निकालने के लिए चोरों ने क्या किया?

          (क)कूएँ में घुस गए                                      (ख) सवेरा होने का इंतज़ार करने लगे 

(ग) कूएँ से पानी निकालने लगे                        (घ) उपरोक्त सभी

5.  सवेरा होने पर तेनालीराम ने चोरों से क्या कहा?

(क)  तुमने मेरा धन चुरा लिया                        (ख) पानी क्यों निकाल दिया?

(ग)संदूक में धन नहीं है                                 (घ) बगीचे को पानी देने के लिए धन्यवाद


2. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक  पढ़कर नीचे दिए प्रश्नों  के उचित  उत्तर लिखिए  

सुलेख के महत्व के बारे में गाँधी जी ने लिखा है – “पढ़ाई में सुलेख की कोई आवश्यकता नहीं है , यह बात मेरे मन में न जाने कहाँ से आ गई थी। लेकिन जब मैंने दक्षिण अफ़्रीका के वकीलों और पढ़े-लिखे नवयुवकों के मोती जैसे अक्षर देखे तो बहुत शर्मिंदा हुआ। उसके बाद मैंने  अपनी लिखावट सुधारने की कोशिश की , लेकिन पके घड़े पर कहाँ मिट्‍टी चढ़ती है ।“  

प्रश्न:

(i)यहाँ पर सुलेख का महत्त्व कौन बता रहे हैं ?

(a) बच्चे                               (b) गाँधी जी              

(c) वकील                            (d)  पढ़े-लिखे नवयुवक

(ii)  गाँधी जी के मन में क्या बात आ गई थी ?

           (a) पढ़ाई में सुलेख की कोई आवश्यकता नहीं है ।                                       

(b) पढ़ने की कोई आवश्यकता नहीं है ।

(c) वकील सुलेख  नहीं लिखते।                                

(d) सभी

(iii) दक्षिण अफ़्रीका जाकर गाँधी जी क्यों शर्मिंदा हुए -

           (a)उनके पास अच्छे कपड़े नहीं थे।          (b) सुलेख न लिखने के कारण 

(c) दक्षिण अफ़्रीका जाने के कारण          (d) इनमें से कोई नहीं  

(iv) “पके घड़े पर कहाँ मिट्‍टी चढ़ती है”  का अर्थ है -

(a) पका घड़ा मज़बूत होता है।

(b) इधर-उधर देखना ।

(c) आदतें बिगड़ जाने पर उन्हें सुधारना कठिन होता है।  

(d)पका घड़ा किसी काम का नहीं ।  


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