Hindi Unseen Passage Grade 8 अपठित गद्य़ांश कक्षा 8

Hindi Unseen  Passage Grade 8 अपठित गद्य़ांश कक्षा 8

 गद्‍यांश -1

प्रश्‍न 1: निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर उसके नीचे लिखे बहुवैकल्पिक प्रश्नों के उचित उत्तर दीजिए ।                                                       

समय बहुत मूल्यावान होता है। यह बीत जाए तो लाखों-करोड़ों रुपये खर्च करके भी इसे वापस नहीं लाया जा सकता। इस संसार में जिसने भी समय की कद्र की है, उसने सुख के साथ जीवन गुजारा है और जिसने समय की बर्बादी की, वह खुद ही बर्बाद हो गया है। समय का मूल्य उस खिलाड़ी से पूछिए, जो सेकंड के सौवे हिस्से से पदक चूक गया हो। स्टेशन पर खड़ी रेलगाड़ी एक मिनट के विलंब से छूट जाती है। आजकल तो कई विद्यालयों में देरी से आने पर विद्यालय में प्रवेश भी नहीं करने दिया जाता। छात्रों को तो समय का मूल्य और भी अच्छी तरह समझ लेना चाहिए, क्योंकि इस जीवन की कद्र करके वे अपने जीवन के लक्ष्य को पा सकते हैं।

(क) उपरोक्त गद्यांश में कीमती किसे माना गया है?

    (i) जीवन को                 (ii) अनुशासन को

 (iii) समय को                (iv) खेल को

(ख) किसने सुख के साथ जीवन गुजारा?
(i)
जिसने दुनिया में खूब धन कमाया
(ii)
जिसने मीठी बाणी बोली
(iii)
जिसने समय की कद्र की
(iv)
जिसने समय को बर्बाद किया

(ग) सेकंड के सौवें हिस्से से पदक कौन चूक जाता है
(i)
खिलाड़ी जिसने मामूली अंतर से पदक गंवा दिया हो
(ii)
वह यात्री जिसकी ट्रेन छूट गई
(iii)
उपर्युक्त दोनों लोग
(iv)
इनमें कोई नहीं

(घ) छात्रों को समय की कद्र करने से क्या लाभ होता है?
(i)
वे स्वस्थ हो जाते हैं।
(ii)
वे मेधावी बन जाते हैं।
(iii)
वे सभी विषयों में 100% अंक प्राप्त करते हैं।
(iv)
वे लक्ष्य को पा लेते हैं।

() इस गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक होगा
(i)
समय का मूल्य
(ii)
जीवन का लक्ष्य
(iii)
विद्यार्थी जीवन में समय का महत्त्व
(iv)
अनुशासन

गद्‍यांश -2

प्रश्‍न 2: निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर उसके नीचे लिखे बहुवैकल्पिक प्रश्नों के उचित उत्तर दीजिए-                                                  

यह एक ऐसी महिला की कहानी है, जिसने अपनी प्रतिभा और लगन से न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया में मान-सम्मान पाया। इस विख्यात महिला का नाम है- महाश्वेता देवी। महाश्वेता का अर्थ है- दुर्गा या पार्वती।

 

महाश्वेता एक महान लेखिका और समाज-सेविका थीं। इनका सारा जीवन गरीबों, दलितों और आदिवासियों की सेवा में बीता। इनका लेखन भी इसी समाज-सेवा का एक हिस्सा है। लेखन के द्वारा भी इन्होंने शोषित पीड़ित जनों के अभावों और दुखों को सब सामने प्रस्तुत किया है। वृद्ध होते हुए भी वे 16-17 घंटे काम करती थीं।

 

महाश्वेता एक सभ्य, सुसंस्कृत खाते-पीते परिवार में 14 जनवरी, 1926 को ढाका में पैदा हुई थीं। घर का वातावरण बच्ची महाश्वेता के विकास में बड़ा सहायक बना। उनके पिता मनीषचंद्र घटक प्रसिद्ध कवि और लेखक थे। उनकी माता धारित्री देवी भी एक लेखिका थीं। वे अन्य भाषाओं से बँगला में अनुवाद भी करती थीं। समाज-सेवा करने का भी उन्हें शौक था। महाश्वेता को अपने माता-पिता से ये गुण विरासत में मिले।

 

(क) महाश्वेता का शाब्दिक अर्थ क्या है?

(i) दुर्गा                  (ii) पार्वती

(iii) उपर्युक्त दोनों          (iv) इनमें से कोई नहीं

(ख) महाश्वेता का जन्म कहाँ हुआ था ?

(i) ढाका                     (ii) दिल्ली

(iii) कोलकाता                (iv) उपर्युक्त कहीं नहीं

 (ग) माता-पिता किस समास के अंतर्गत आएगा?

(i) द्वंद्व समास          (ii) बहुव्रीहि समास

(iii) कर्मधारय समास       (iv) तत्पुरुष समास

(घ) महाश्वेता देवी के पिता का क्या नाम है?

(i) यशचंद्र घटक          (ii) मनीषचंद्र घटक

(iii) सत्यजीत घटक       (iv) उपर्युक्त कोई नहीं

(ङ) इस गद्यांश का सार्थक शीर्षक होगा:

(i) महाश्वेताः महान लेखिका           (ii) परिश्रम की मूर्ति महाश्वेता

(iii) महाश्वेता एक परिचय            (iv) उपर्युक्त सभी

गद्‍यांश -3

प्रश्‍न 3: निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर उसके नीचे लिखे बहुवैकल्पिक प्रश्नों के उचित उत्तर दीजिए -

हँसी भीतरी आनंद का बाहरी चिह्न है । जीवन की सबसे प्यारी और उत्तम से उत्तम वस्तु एक बार हँस लेना तथा शरीर को अच्छा रखने की अच्छी से अच्छी दवा एक बार खिलखिला उठना है। पुराने लोग कह गए हैं कि हँसों और पेट फुलाओ। हँसी कितने ही कला -कौशलों से भली है। जितना ही अधिक आनंद से हँसोगे उतनी ही आयु बढ़ेगी । एक यूनानी विद्वान कहता है कि सदा अपने कर्मों पर खीजने वाला हेरीक्लेस बहुत कम जिया , पर प्रसन्न-मन डेमीक्रीट्स 109 वर्ष की आयु तक जिया।हँसी -खुशी का नाम जीवन है। जो रोते हैं उनका जीवन व्यर्थ है। कवि ’इमाम बक़्श नासिक’ ने कहा है – ’जिंदगी जिंदादिली का नाम है , मुर्दादिल क्या खाक जिया करते हैं।“ मनुष्य के शरीर के वर्णन पर एक विलायती विद्वान ने पुस्तक लिखी है। उसमें  वह कहता है कि उत्तम सुअवसर की हँसी उदास-से-उदास मनुष्य के चित्त को प्रफुल्लित कर देती है। आनंद एक ऐसा प्रबल इंजन है कि उससे शोक और दुख की दीवारों को ढा सकते हैं। प्राण-रक्षा के लिए सदा सब देशों में उत्तम-से-उत्तम उपाय मनुष्य के चित्त को प्रसन्न रखना है। सुयोग्य वैद्य अपने रोगी के कानों में आनंदरूपी मंत्र सुनाता है।

प्रश्न :

(क) हमारे भीतर का आनंद किस रूप में प्रकट होता है ?

(i) अनुशासन के रूप में                         
(ii) मीठी बाणी  के रूप में
(iii) हँसी और खिलखिलाहट के रूप में     
(iv) उदासी के रूप में  

(ख) पुराने लोगों ने हँसी को क्यों महत्त्व दिया ?

(i)  हँसी से आयु बढ़ती है।            
(ii)  हँसी से स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
(iii) हँसी सबसे अच्छी दवा है     
(iv) उपरोक्त सभी

(ग) डेमीक्रीट्स 109 वर्ष तक कैसे जिया?

(i)  वह हमेशा अपने कामों पर खीजता था 
(ii)  वह एक वैद्य था।                     
(iii) प्रसन्न मन रहने के कारण         
(iv) शोक और दुख के कारण

(घ) ’जिंदगी जिंदादिली का नाम है, मुर्दादिल क्या खाक जिया करते हैं।“ का आशय है –

(i) हमेशा प्रसन्न व उत्साहित रहना ।
(ii)
बहुत लंबी आयु तक जीवित रहना।
(iii)
 उदास व निराश रहना ।
(iv)
उपरोक्त में से कोई नहीं।

() प्राण-रक्षा के लिए सदा सब देशों में सब से उत्तम उपाय है?

        (i)सुयोग्य वैद्य के पास जाना           
        (ii) मन को उदास रखना  
        (iii)मन को प्रसन्न रखना।               
        iv) अच्छी दवा लेना।    
                                        गद्‍यांश -4           

प्रश्‍न 4 : निम्‍नलिखित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए । 

कॉलेज में छुट्टियाँ थीं और मैं सप्तसिंधु के लोगों के बारे में अपना शोधपत्र पूरा कर रहा था। जिसका सार यह था कि वैदिक काल के आर्य लोगों से लेकर आजतक सप्तसिंधु  अथवा पंजाब के लोगों को विदेशी हमलावरों  और प्रकृति की निर्दयी शक्तियों से युद्ध करना पड़ा है। तब जाकर वे अपने को इस धरती पर स्थापित कर सके हैं। …. अब तो इस धरती पर वातावरण में ऐसे शौर्यपूर्ण भाव व्याप्त हैं जो हर किसी को जुल्म के विरुद्ध खड़े होने के लिए प्रेरित करते हैं

(क) लेखक  का शोधपत्र किस के बारे में था -

(i)             पंजाब के बारे में                 

(ii)           विदेशी हमलावरों के बारे में               

(iii)         सप्तसिंधु के लोगों के बारे में                                     

(iv)          भारत के बारे में

       (ख) सप्तसिंधु और पंजाब के लोगों को किस से युद्ध करना पड़ा है –

       (i)विदेशी हमलावरों से                         (ii)  प्रकृति की निर्दयी शक्तियों से

              (iii)उपरोक्त दोनों से                         (iv) उपरोक्त दोनों में किसी से नहीं

        (ग) “…. अब तो इस धरती पर वातावरण में ऐसे शौर्यपूर्ण भाव व्याप्त हैंयहाँ पर   

         लेखक किस धरती की बात कर रहे हैं?

             (i)दिल्ली                                (ii) कर्नाटक 

              (iii)सप्तसिंधु या पंजाब      (iv)उपरोक्त में से कोई नहीं

        (घ) निरंतर संघर्ष करने से पंजाब के लोगों में किस प्रकार का भाव विकसित हुआ?

 (i) दया का                                          (ii) मजबूरी का

 (iii) प्रेम का                                         (iv) जुल्म के विरुद्ध खड़े होने का

    (ङ)”ज़ुल्म’  का अर्थ है –

(i)अत्याचार                                            (ii) विरोध 

      (iii)वीरता                                            (iv) मजबूर

                                    गद्‍यांश -5

प्रश्‍न 5: निम्‍नलिखित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए । 

वैसे तो मेरे मामा के गाँव का होने के कारण मुझे बदलू को “बदलू मामा’ कहना चाहिए था परंतु मैं उसे ’बदलू मामा’ न कह कर बदलू काका कहता था। जैसा कि गाँव के सभी बच्चे उसे कहते थे। बदलू का मकान कुछ ऊँचे पर बना था। मकान के सामने बड़ा-सा सहन था। जिसमें एक पुराना नीम का वृक्ष लगा था उसी के नीचे बैठ कर बदलू अपना काम किया करता था। बगल में भट्टी दहकाती रहती जिसमें वह लाख पिघलाया करता। सामने एक लकड़ी की चौखट पड़ी रहती जिसपर लाख के मुलायम होने पर वह उसे सलाख के समान पतला करके चूड़ी का आकार देता । पास में चार- छः विभिन्न आकार की बेलननुमा मुँगेरियाँ रखी रहती जो आगे से कुछ पतली और पीछे से मोटी होती।लाख को चूड़ी का आकार देकर वह उन्हें मुँगेरियों पर चढ़ाकर गोल और चिकना बनाता और तब एक-एक कर पूरे हाथ की चूड़ियाँ बना चुकने के पश्चात वह उनपर रंग करता। 

क. लेखक बदलू को काका क्यों कहता था?

 (i)लेखक को काका कहना बहुत पसंद था ।

 (ii)वह लेखक के पिता जी का भाई था ।

(iii)क्योंकि गाँव के सभी बच्चे उस बदलू काका कहते थे

(iv)उपरोक्त में से कोई नहीं ।

ख. बदलू क्या काम करता था?

 (i)बाल काटने का                        (ii)चूड़ी बनाने का 

 (iii)बरतन बनाने का                      (iv)खाना बनाने का 

    (ग)बदलू किस वस्तु से चूड़ियाँ बनाता था ?

 (i)लाख से                                  (ii)काँच से 

 (iii)प्लास्टिक से                       (iv)स्वर्ण से 

  ()बदलू किस प्रकार चूड़ियाँ बनाता के था?

(i)लाख पिघलाता था।                                           

(ii)लाख को पतला कर चूड़ी का आकार देता था

 (iii)चूड़ी को मुंगेरियों में चढ़ाकर गोल व पतला बनाता और रंग करता ।

(iv) उपर्युक्त सभी ।

(ङ)”सहन’  का अर्थ है –

(i)आँगन                                             (ii) विरोध 

      (iii)छोटी खाट                                       (iv) इच्छा   
                                      गद्यांश -6  

प्रश्‍न 6: निम्‍नलिखित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए । 

कॉलेज दोपहर को हमने पीछे बरामदे में जाकर देखा कि पाँच शारकों ने चिड़िया के घोंसले को घेरा हुआ था। चिडिया और चिड़ा दोनों ही घोंसले के आगे बैठे शारकों का मुकाबला कर रहे थे। कभी एक साथ दो शारकें घोंसले पर हमला करती और कभी तीन । चिड़िया का बच्चा घोंसले के पीछे बैठा हुआ ज़ोर-ज़ोर से चीं -चीं कर रहा था। पता नहीं क्या कह रहा था। चिड़ियों पर हमला करने वाली शारकें बहुत लड़ाकू और फ़ुरतीली थीं। उनका रंग साँवला और पीली नुकीली चोंचें थीं । मैंने पत्नी से हँसकर कहा, “शारकों का रंग इनकी ईर्ष्या के कारण ही साँवला हुआ होगा।“

(क) यह गद्यांश किसके बारे में है -

(i)             पंजाब के बारे में                 

(ii)           विदेशी हमलावरों के बारे में               

(iii)         लेखक और उसकी पत्नी के बारे में                                     

(iv)          चिड़िया और शारकों के मुकाबले के बारे में

(ख) चिड़िया का बच्चा घोंसले के पीछे बैठा हुआ ज़ोर-ज़ोर से चीं -चीं कर रहा था।क्योंकि वह -

       (i) खुश था॥                                     (ii)  डर रहा था।

              (iii) उसे शारकें पसंद थीं                          (iv) उपरोक्त में से कोई नहीं

        (ग) गद्यांश में शारकों के लिए प्रयुक्त विशेषण शब्द हैं  -

             (i) हमला और मुकाबला                               (ii) लड़ाकू और फ़ुरतीली   

              (iii) चिडिया और चिड़ा                  (iv) ज़ोर-ज़ोर से  

        (घ) घोंसले को कितने शारकों ने घेर रखा था ?

 (i)                                         (ii)

 (iii)  ३                   (iv)

    (ङ) ”ईर्ष्या ’  का अर्थ है –

(i) चिढ़                                              (ii) विरोध 

      (iii)गुस्सा                                         (iv) उदासी  
प्रश्‍न 7: निम्‍नलिखित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए ।   बदलू यह कार्य सदा ही एक मचिये पर बैठकर किया करता था जो बहुत ही पुरानी थी। बग़ल मैं ही उसका हुक्का रखा रहता जिसे वह बीच-बीच में पीता रहता। गाँव में मेरा दोपहर का समय अधिकतर बदलू के पास बीतता। वह मुझे 'लला' कहा करता और मेरे पहुँचते ही मेरे लिए तुरंत एक मचिया मँगा देता। मैं घंटों बैठे-बैठे उसे इस प्रकार चूड़ियाँ बनाते देखता रहता। लगभग रोज़ ही वह चार-छह जोड़े चूड़ियाँ बनाता। पूरा जोड़ा बना लेनेपर वह उसे बेलन पर चढ़ाकर कुछ क्षण चुपचाप देखता रहता, मानो वह बेलन न होकर किसी नव-वधू की कलाई हो।

क. गद्यांश के अनुसार बदलू क्या काम करता था?

(i) बाल काटना ।

(ii)कपड़े सी ना ।

(iii) चूड़ियाँ  बनाना ।

(iv)खिलौने बनाना ।

ख.”मचिया” का अर्थ है ?

 (i) माचिस                     

 (ii)चूड़ी

 (iii)बरतन                     

 (iv)छोटी खाट  

    (ग)बदलू रोज कितनी चूड़ियाँ बनाता था ?

 (i) चार से छह जोड़ा                      

 (ii)तीन से चार जोड़ा  

 (iii) एक  से दो जोड़ा                       

(iv) एक भी नहीं  

  ()बदलू लेखक को क्या कह कर बुलाता था?

(i)बेटा                               

(ii)भाई

 (iii) लला                            

(iv) लंबा

(ङ)”बेलन “ की तुलना की है

(i) चूड़ियों से                                          

 (ii) नव वधु की कलाइयों से   

      (iii)छोटी खाट से                                      

             (iv) उपरोक्त सभी से     

                       

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